🚰 जयपुर के रामगढ़ बांध में जल्द हो सकती है कृत्रिम बारिश, ड्रोन और एआई की मदद से
जयपुर: सतही जल (surface water) के रूप में रामगढ़ बांध को दो दशक से ज्यादा समय से पानी नहीं मिला। (यदि याद करें, तो एक दशक = 10 साल होता है। यानी, 20 से अधिक सालों से यह जलाशय सूखा पड़ा हुआ है। ) लेकिन अब अगस्त महीने में, अमेरिकी कंपनी की तकनीक से ड्रोन और एआई के जरिए कृत्रिम बारिश की योजना तैयार हो रही है।
कृषि विभाग ने इस प्रयोग के लिए एक अमेरिकी तकनीकी कंपनी से हाथ मिलाया है। कंपनी के वैज्ञानिक जयपुर पहुंच चुके हैं और उन्होंने स्थल निरीक्षण शुरू कर दिया है। यह कई मायनों में पहला मौका होगा जब क्लाउड सीडिंग में AI‑आधारित ड्रोन का उपयोग होगा।
🌧️ ड्रोन, क्लाउड सीडिंग और साइंटिफिक तकनीक
कंपनी ने ताइवान से खास ड्रोन मंगाए हैं जो ऊँचाई पर उड़कर नमी से भरे बादलों में सोडियम क्लोराइड छोड़ेंगे — जिससे बारिश का निर्माण होगा। अब तक क्लाउड सीडिंग विमान से की जाती रही है, लेकिन यह पहला मौका है जब इस तकनीक में ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग होगा।
क्लाउड सीडिंग इसमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली चीजें हैं:
• Silver iodide,
• Sodium chloride,
• Dry ice,
• या अन्य हाइज्रोस्कोपिक कण जैसे
क्लोराइड या नमक
🛠️ तैयारी और मंजूरी का इंतज़ार
* जयपुर ज़िला प्रशासन, जल संसाधन विभाग, मौसम विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने पहले ही बैठक कर ली है।
* इस प्रयोग के लिए ड्रोन उड़ान हेतु नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से मंज़ूरी का इंतज़ार है।
* मंजूरी मिलने के बाद, अंतिम तैयारियाँ शुरू हो जाएंगी।
🏞️ योजना का उद्देश्य और फायदा
* रामगढ़ बांध को फिर से भरने के लिए लगातार दिन भर कृत्रिम बारिश कराई जाएगी।
* इस दौरान सभी आंकड़े एक महीने तक रिकॉर्ड होंगे और आगे के विश्लेषण के लिए अध्ययन होगा।
* इससे जयपुर और आसपास के इलाकों को भी पानी का लाभ मिलेगा
📜 बैकग्राउंड – क्लाउड सीडिंग का इतिहास
* क्लाउड सीडिंग की शुरुआत भारत में 1951 में टाटा केमिकल्स द्वारा केरल के पश्चिमी घाट में हुई थी।
* बाद में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली में विमानों के जरिए इसे कई बार आजमाया गया।
* लेकिन ड्रोन + एआई से यह प्रयोग राजस्थान में प्रथम होगा।
🕰️ रामगढ़ बांध – इतिहास और वर्तमान स्थिति
* 1903 में महाराजा सवाई माधो सिंह ने बांध का निर्माण करवाया था।
* कभी यह जयपुर शहर का मुख्य जलाशय था, 1931 से 1980 के दशक तक शहर को पानी देता रहा।
* यहां तक कि 1982 एशियाई खेलों में नौकायन प्रतियोगिता भी हुई थी।
* लेकिन पिछले दस सालों में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के कारण बांध सूख गया, खासकर 2005 के बाद।
✅ निष्कर्ष
यह यूपी-टेक आधारित क्लाइमेट इंटरवेंशन परियोजना, अगर सफल हुई, तो:
* रामगढ़ बांध में पानी की कमी दूर होगी
* राज्य में सतही जल स्रोतों को फिर से सक्रियता मिलेगी
* राजस्थान में स्मार्ट मौसम-नियंत्रण तकनीक के उपयोग का नया इतिहास शुरू होगा ।



